अनिद्रा (इनसोनिया) की समस्या से देशभर में 30 से 3» फीसदी लोग जूड् रहे हैं। वहीं 50 फीसदी बुजुर्गों में यह समस्या देखी जा सकती है। असत में, नींद हमारे तिए उतनी ही महत्तपूर्ण है, जितने पोषक तत्त एवं व्यायाम है। अच्छी नींद से शारीरिक-मानसिक मजबूती मिलती है, जबकि खराब नींद शरीर और मन के लगभग हर पहलू पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। नींद के इसी महत्त को समझाने के तिए वर्ल्ड स्तीप हे मनाते हैं। परिवार में हिस्ट्री त नहीं.. रात में या लंबे समय तक मोबाइल देखना, बीमारी, कोई ट्रॉमा होना, व्यवहार में कोई बदताव आने से नींद न आना, परिवार की हिस्ट्री, कुछ दवाओं का प्रभाव, एल्कोहत, कैफीन आदि से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कुछ दवाइयों से मी नीद कम आती है।
बिहेवियर थेरेपी है कारगर
अनिद्रा की समस्या को दूर करने के तिए पारंपरिक उपचार बिहेवियर परेपी को कारगर माना जाता है। इस थेरेपी का फायदा यह है कि इसमें व्यक्ति को किसी तरह की दवा की आदत
नहीं पढ़ती। इन टिप्स को अपनाकर नींद की गुणवत्ता बढ़ाई -
।. सौने का समय तिश्ठित करता याती दिन मैं न सौएं।
2. दिन में विस्तर पर तेटकर स्क्रीन न देखें। इससे रात की नींद प्रभावित होती है। असत मैं दिमाग में सेव हो जाता है कि व्यक्ति ने नींद ते ती है।
3. यदि रत में निगेटिव विचार आते हैं तो 30 या 700 की उल्टी गिनती गिनें। निगेटिव विचार दूर होगे।
4. सौने से पहले स्क्रीन देखने के बजाय किताब पढ़ें, तैकिन तैप की रोशती में पढ़ें, कमरे में अंधेरे से मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ने से नींद की गुणवत्ता बढ़ैगी।
5. मेडिटेशन करें। यदि समस्या दूर न हो तो ढॉप्टर से परामर्श तें।
होली खेलने से पहले त्वचा पर लगाएं नारियल-जैतून का तेल
सवाल, होती में इस्तेमाल होने वाले रंगों और रासायनिक पदार्थों से खचा की कौन सी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और हें कैसे रोका जा सकता है १- कायल होती के रंग में उपयोग होने वाते रासायनिक तत्तों से त्रचा पर एब्रेजन (खराश) एवं एतर्वी हो सकती है। होली खेलने से पहले अपनी त्चा पर ऑपती पदार्थ जैसे नारियल तेल या यैतुन का तेत लगाना चाहिए। बातों में भी अच्छी तरह से तेत लगा तें।
आजकल बाजार में स्क्रिन कैयर उत्पादी की एक विस्तृत रेंज उपलब्ध है लैकिन इनमें से कुछ उत्पाद असली और नकली (काउंटरफिट) होते हैं, जो हमारी जचा के लिए उपयुक्त नहीं होते। जैसे कि विटामिन सी और रेटिनोल सीरम जो एंटी-एपिंग के रूप में प्रयोग किए जाते हैं, कुछ लोगों की लघचा को सूखा कर सकते हैं। खासकर रेटिनोल जैसे उत्पाद रचा को ज्यादा डाई कर सकते हैं क्यौकि थे लचा के अंदर से नमी को सौख तेते हैं। इसके अलावा सर्दियों में कुछ येल आधारित उत्पाद भी तचा को ड्राई कर सकते हैं। पेल उत्पाद ठंडे मौसम में ज्यादा प्रभावी नहीं होते और इनसे तचा में जलन या सूखापत हो सकता है। इसलिए, मौसम के हिसाब से उत्पादों का चयन करना बहुत जरूरी है।